सूखे मेवे शरीर की संपूर्ण पोषण संबंधी जरूरतों को करते हैं पूरा


नई दिल्ली। दूध और सूखे मेवों का मिश्रण वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बेहद लाभकारी है। दूध जहां कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन का बड़ा स्रोत है, वहीं सूखे मेवे शरीर की संपूर्ण पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करते हैं। बादाम का सेवन दिमाग की ताकत बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जिससे याददाश्त मजबूत होती है।

अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल और मस्तिष्क के लिए बेहद लाभकारी हैं। किशमिश आयरन का अच्छा स्रोत है जो खून की कमी को दूर करने में मदद करता है और प्राकृतिक मिठास प्रदान करता है। काजू शरीर को स्वस्थ वसा और जिंक प्रदान करता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाते हैं। वहीं पिस्ता में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। दूध में ट्रिप्टोफान नामक अमीनो एसिड होता है जो मेलाटोनिन नामक हार्मोन के निर्माण में सहायक है, जिससे नींद अच्छी आती है और मानसिक शांति मिलती है। जब इसे सूखे मेवों के साथ लिया जाता है तो यह तनाव को भी कम करता है और दिमागी थकावट को दूर करता है। यही वजह है कि ड्राई फ्रूट मिल्क को एक तरह का घरेलू इम्यूनिटी बूस्टर कहा जा सकता है। सर्दियों में यह शरीर को गर्म रखता है और आम बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। फिटनेस प्रेमी और जिम जाने वाले लोग भी इसे अपनी डाइट में शामिल करते हैं क्योंकि यह मांसपेशियों की रिकवरी में सहायक है और वर्कआउट के बाद ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है।
आयुर्वेद के अनुसार, दूध सात्विक आहार है और सूखे मेवे ओज वर्धक माने जाते हैं। इनका एक साथ सेवन शरीर में बल, तेज और प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाता है। आधुनिक विज्ञान भी इस परंपरा की पुष्टि करता है कि दूध और सूखे मेवों का मेल एक संपूर्ण और शक्तिशाली आहार है। बता दें कि सर्दियों में जब भी थकावट होती है या शरीर को अंदर से गर्म रखने की जरूरत महसूस होती है, तब अक्सर दादी-नानी दूध में बादाम, अखरोट, किशमिश, काजू और पिस्ता डालकर पीने की सलाह देती हैं। यह परंपरा केवल एक स्वादिष्ट पेय बनाने के लिए नहीं, बल्कि शरीर को ऊर्जा, पोषण और रोगों से लड़ने की ताकत देने के लिए है।

source – ems

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