चीन के चांद मिशन ‘चांगे-6’ ने जो मिट्टी का नमूना वापस लाया

बीजिंग । चीन के चांद मिशन ‘चांगे-6’ ने जो मिट्टी का नमूना वापस लाया है, उसमें ऐसे दुर्लभ खनिज मिले हैं जो सीधे तौर पर हमारे सोलर सिस्टम के बाहर से आए प्रतीत होते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में चीन की इस खोज ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस मिट्टी में सीआई कॉन्ड्राइट्स नामक दुर्लभ मीटियोराइट्स के अवशेष मिले हैं। ये खनिज बेहद कीमती हैं क्योंकि इनमें पानी और ऑर्गेनिक पदार्थ मौजूद होते हैं यानी जीवन के लिए आवश्यक घटक। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये सीआई कॉन्ड्राइट्स कार्बन और धातु से बने होते हैं और माना जाता है कि इनकी उत्पत्ति सौरमंडल के बाहरी इलाकों में अरबों साल पहले हुई थी।
बाद में ये धीरे-धीरे सौरमंडल के अंदर की ओर आए और चांद सहित कई ग्रहों की सतह पर आकर जमा हो गए। चांगे-6 ने करीब दो किलो चांद की मिट्टी चांद के दक्षिणी ध्रुव के सबसे पुराने और विशाल इम्पैक्ट क्रेटर से इकट्ठा की थी। क्योंकि चांद पर न तो वातावरण है और न ही भूकंपीय हलचलें, इसलिए वहां यह प्राचीन सामग्री आज भी लगभग वैसी ही सुरक्षित है जैसी अरबों साल पहले थी। यह मिट्टी वैज्ञानिकों के लिए एक तरह की टाइम मशीन जैसी बन गई है, जिससे वे सौरमंडल के शुरुआती दिनों की झलक पा सकते हैं। इन नमूनों की जांच माइक्रोस्कोपी और आइसोटोपिक एनालिसिस जैसी उन्नत तकनीकों से की गई।
परिणामों में यह स्पष्ट हुआ कि इनमें पानी से भरपूर खनिज मौजूद हैं। यह खोज इस बात की ओर इशारा करती है कि पानी और जीवन के मूल तत्व सिर्फ पृथ्वी पर ही नहीं बने थे, बल्कि वे दूर के आकाशीय पिंडों से भी हमारी धरती और चांद तक पहुंचे। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ऐसे पानी-युक्त मीटियोराइट्स के टकराव पृथ्वी और चांद पर पहले से सोचे गए से कहीं ज्यादा हुए होंगे। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि जीवन की शुरुआत के लिए आवश्यक रासायनिक तत्व सौरमंडल के बाहरी हिस्सों से भी लाए जा सकते हैं। कुल मिलाकर, चीन की यह खोज न सिर्फ चांद के वैज्ञानिक महत्व को बढ़ाती है बल्कि यह भी साबित करती है कि चांद एक खगोलीय संग्रहालय है, जिसमें सौरमंडल के शुरुआती इतिहास के अनमोल सबूत सुरक्षित हैं।
source – ems


