नागरिकों की जिंदगी बनाना और जीवन बचाना सरकार की जिम्मेदारी : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा है कि विकास गतिविधियों के साथ नागरिकों की जिंदगी को बनाना और उनके जीवन को बचाना सरकार की जिम्मेदारी है। नशा करने से शरीर, मन, बुद्धि और परिवार सभी को नुकसान होता है। नशे के मकड़ जाल में फँसने वाले का जीवन तबाह और बरबाद हो जाता है। समाज को नशामुक्त बनाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। प्रदेश के सभी बेटे-बेटियाँ, भाई-बहन आज सब एकजुट होकर प्रदेश को नशामुक्त बनाने की प्रतिज्ञा लें। मुख्यमंत्री श्री चौहान गांधी जयंती से प्रदेश में शुरू हुए राज्य व्यापी नशामुक्ति अभियान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित जन-समुदाय को नशामुक्त मध्यप्रदेश बनाने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि सरकार और समाज मिल कर प्रदेश को नशामुक्त बनाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। हम वृक्षारोपण,लिंगानुपात, पानी बचाने और नशामुक्ति में भी देश में प्रथम स्थान पर आने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में नशामुक्त भारत अभियान में प्रदेश हर संभव योगदान देगा। राज्य व्यापी नशामुक्ति अभियान में प्रत्येक नगर और गाँव में नशामुक्ति के लिए जागरूकता संबंधी गतिविधियाँ संचालित की जाएँगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नशे की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए ऐसी आबकारी नीति बनाई जाएगी, जिससे शराब को प्रोत्साहन नहीं मिले और न पीने वालों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। हुक्का लॉउंज जैसी गतिविधियाँ प्रदेश की धरती पर नहीं चलेंगी। ड्रग्स और अवैध गतिविधियाँ चलाने वालों पर कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवा नशे की ओर जाएँ ही नहीं, इस उद्देश्य से राज्य में खेल और योग गतिविधियों का गाँव-गाँव में विस्तार किया जाएगा। राज्य शासन धर्म गुरूओं और समाज के साथ मिल कर प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए गतिविधियाँ संचालित करेगा। नशे से पीड़ित व्यक्तियों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए कार्य कर रही संस्थाओं के साथ मिल कर प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 11 अक्टूबर को “श्री महाकाल लोक” के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने प्रदेशवासियों को उज्जैन आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि उज्जैन नहीं आ सकें तो अपने ग्राम और नगर में ही इस भक्तिमय उत्सवीय वातावरण में अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों में दीप प्रज्ज्वलित कर भजन-कीर्तन कर कार्यक्रम में भावनात्मक रूप से सहभागी बनें।