जन उत्सव के रूप में मनाया जाएगा मध्यप्रदेश का 67वां स्थापना दिवस – मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के 67 स्थापना दिवस जन उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। प्रदेशवासियों के साथ मिल कर हम सब आगामी स्थापना दिवस तक के लक्ष्य तय कर उन्हें प्राप्त करने का संकल्प लेंगे। प्रदेश में विकास के क्षेत्र में कई उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। साथ ही हमारी परंपरा, जीवन मूल्यों और संस्कारों पर केंद्रित कई कार्यक्रम भी आयोजित हुए हैं। नर्मदा सेवा यात्रा, एकात्म यात्राएँ, अमर क्रांतिकारी शहीदों के स्मारकों का निर्माण इनमें प्रमुख हैं। इसी क्रम में श्री महाकाल लोक के रूप में अद्भुत रचना हुई है। प्रदेश के 67वें स्थापना दिवस पर एक से सात नवम्बर तक रचनात्मक गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। यह गतिविधियाँ पुण्य-सलिला नर्मदा जी और महाकाल महालोक पर केन्द्रित होंगी। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह पर गठित मंत्री समूह के सुझावों को शामिल करते हुए गतिविधियाँ निर्धारित की गईं हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय पर मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह के संबंध में बैठक को संबोधित कर रहे थे। संस्कृति मंत्री श्री सुश्री उषा ठाकुर, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह वर्चुअली शामिल हुए। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्थापना दिवस पर जन सेवा अभियान में चिन्हित पात्र हितग्राहियों को स्वीकृति-पत्र तथा अन्य लाभ वितरण के लिए सभी जिलों में कार्यक्रम किए जाएंगे। प्रदेश के 52 जिलों में लगभग 50 लाख पात्र हितग्राही कार्यक्रम से जुड़ेंगे। साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को पुरस्कृत और सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्थापना दिवस पर कार्यक्रमों की श्रंखला एक नवम्बर को सभी जिलों में जन अभियान परिषद के सहयोग से प्रभात फेरी निकाली जायेंगी। दोपहर एक बजे सभी जिलों में जन सेवा अभियान स्वीकृति-पत्र और अन्य लाभों के वितरण का कार्यक्रम होगा। शाम को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में पार्श्व गायक जुबीन नौटियाल की प्रस्तुति होगी। इस क्रम में दो नवम्बर को सभी जिलों में लाड़ली लक्ष्मी योजना की लाड़लियों और उनके माता-पिता के सम्मेलन किए जाएंगे। तीन नवम्बर को सभी जिलों में स्वच्छता गतिविधियाँ और महत्वपूर्ण स्थलों पर 67 दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। तीन नवम्बर से ही ग्रामीण खेल प्रतियोगिताओं और व्यंजन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन होगा। चार नवम्बर को “एक जिला-एक उत्पाद” पर प्रदेश के सभी जिलों में गतिविधियाँ संचालित होंगी। पाँच नवम्बर को प्रदेश के गौरव पर केंद्रित नाटक, लोक नृत्य और जननायकों पर केन्द्रित प्रतियोगिताएँ होगी। छह नवम्बर को सभी जिलों में पौध-रोपण, जल-संरक्षण, ऊर्जा की बचत और पर्यावरण पर केंद्रित गतिविधियाँ की जाएंगी।
कार्यक्रमों की श्रंखला में 7 नवम्बर को सभी जिला मुख्यालय और राज्य स्तर पर पुरस्कार वितरण कार्यक्रम होंगे। इसमें स्थापना दिवस के संदर्भ में हुई प्रतियोगिताओं और खेल गतिविधियों के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। जन सेवा अभियान में बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का सम्मान और पुरस्कार वितरण भी सभी जिला मुख्यालय पर होगा। साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी होंगी, जिनमें स्थानीय परिवेश की सांस्कृतिक गतिविधियों को विशेष रूप से शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह सभी कार्यक्रम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की भावना को अभिव्यक्त करते हुए उत्सव और आनंद के वातावरण में होंगे।