यूक्रेन के लिए चिंता का सबब बने रूस के ‘कैमिकेज ड्रोन’, बेहद खतरनाक है यह जापानी तरीका
यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने सोमवार सुबह भी कैमिकेज ड्रोन से हमला किया। इस हमले में कई रिहाइशी इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। एक सप्ताह के अंदर भी दूसरी बार है जब रूस ने कैमिकेज ड्रोन से यूक्रेन को चोट पहुंचाने की कोशिश की है। आइए जानते हैं कि आखिर यह कैमिकेज तकनीक क्या है जिसके जरिए रूस यूक्रेन का ज्यादा से ज्यादा नुकसान करने की कोशिश कर रहा है।
दूसरे विश्वयुद्ध में जापान ने किया था इस्तेमाल
कैमकेज का इस्तेमाल दूसरे विश्वयुद्ध के समय जापान ने किया था। लड़ाकू विमानों में भारी मात्रा में गोला-बारूद लादकर पायल टारगेट को हिट करता था। यह आत्मघाती हमला था। हमला वहीं किया जाता था जहां दुश्मन का ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो। उसी तरह अब ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसमें कोई पायलट नहीं होता। ड्रोन तब तक मंडराता रहता है जब तक वह टारगेट को लोकेट नहीं कर लेता।
क्या है कैमिकेज ड्रोन की खासियत
कैमिकेज ड्रोन की खासियत है कि यह मिसाइल से लैस होता है और काफी समय तक आसमान में ही रहकर टारगेट का इंतजार कर सकता है। इसके बाद सटीक टारगेट मिलने के बाद ही हमला करता है। यह आकार में काफी छोटा होता है जिससे की आसानी से चोरी-छिपे टारगेट तक पहुंच जाता है। इसको लॉन्च करना भी बेहद आसान होता है। टारगेट को अटैक करने के बाद ये ड्रोन खुद नष्ट हो जाते हैं।