पुतिन की तैयारी रह गई धरी की धरी, मिलिट्री डॉल्फिन भी न कर सकीं पुल की सुरक्षा

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए सात महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन मॉस्को को जीत दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही। जब फरवरी में युद्ध की शुरुआत हुई थी, तब माना जा रहा था कि चार से पांच दिनों के भीतर ही पुतिन इस जंग को जीत लेंगे। अब अक्टूबर महीना आ गया है और यूक्रेन कई मोर्चों पर रूस पर 20 ही साबित हुआ है। रूस को शनिवार को उस दिन तगड़ा झटका लगा, जब क्रीमिया से जोड़ने वाला पुल के एक हिस्से को एक विस्फोट के जरिए से उड़ा दिया गया। आशंका है कि यू्क्रेन ही इस घटना के पीछे हो सकता है। पुल को बचाने के लिए पुतिन ने कई तैयारियां की थीं, लेकिन सब धरी की धरी रह गईं।

क्रीमिया और रूस को जोड़ने वाले एकमात्र पुल के विस्फोट से तबाह होना मॉस्को के लिए बड़ी हार की तरह है। दरअसल, रूस ने इस पुल को बचाने के लिए कई तरह की सिक्योरिटी को तैनात कर रखा था। यहां तक कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मिलिट्री डॉल्फिन्स की भी तैनाती की हैं, लेकिन पुल को बचाने में कोई भी हथियार काम नहीं आया। ‘मिरर’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस पुल की रक्षा करने के लिए कई मिसाइल डिफेंस सिस्टम्स, फाइटर जेट्स, वॉरशिप्स, मिलिट्री गोताखोर और भारी तोपखने भी मोर्चे पर थे। लेकिन विस्फोट के फुटेज में दिखी एक छोटी सी जानकारी ने रूस की मिलिट्री डॉल्फ़िन की भूमिका की ओर फिर से ध्यान खींच लिया।

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