हाई कोर्ट ने दी शिवाजी मैदान सदर में रावण दहन की अनुमति

High Court allowed Ravana combustion in Shivaji Maidan Sadar

जबलपुर  हाई कोर्ट ने सदर की धनुषयज्ञ रामलीला समिति को शिवाजी मैदान में छह अक्टूबर को होने वाले दशहरा व रावण दहन समारोह की सशर्त अनुमति प्रदान कर दी है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सदर की धनुष यज्ञ रामलीला समिति की पुनर्विचार याचिका पर यह निर्देश दिए। कोर्ट ने समिति को केंट बोर्ड में 50 हजार रुपये सुरक्षा निधि जमा करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी शर्त लगाई है कि दशहरे के दौरान मैदान का नुकसान होने पर समिति को सुधार कराना हागा। ऐसा न किए जाने पर नुकसान की भरपाई सुरक्षा निधि से की जाएगी।

हाई कोर्ट ने सदर निवासी सुरेन्द्र यादव की जनहित याचिका पर 26 जून, 2019 को शिवाजी मैदान में खेल के अलावा अन्य खेलेत्तर गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। घनुषयज्ञ रामलीला समिति सदर की ओर से उक्त आदेश के पुनर्विचार के लिए यह पुनरीक्षण याचिका पेश कर कहा गया कि लंबे समय से शिवाजी मैदान में रावण दहन व दशहरा का आयोजन किया जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा ने दलील दी कि रावण दहन के लिए केंट बोर्ड के क्षेत्र में अन्य कोई स्थान नहीं है। लिहाजा, शिवाजी मैदान में ही आयोजन की अनुमति दी जाए। मैदान शुरू से खेल के साथ क्षेत्र के धार्मिक व सामाजिक आयोजनों के लिए प्रयुक्त होता आया है। यह विशुद्ध खेल का मैदान नहीं है। हाई कोर्ट का आदेश खेल के मैदान से सम्बंधित था। शिवाजी मैदान में दशहरा समारोह से क्षेत्रीयजनों की भावनाएं जुड़ी हैं। यह आयोजन साल में एक बार ही होता है। उन्होंने मैदान को सुरक्षित रखने का अभिवचन दिया। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर समिति को शिवाजी मैदान में दशहरा आयोजन की सशर्त अनुमति प्रदान कर दी।

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