जाने वाले कभी नहीं आते. जाने वालों की यादआतीहै

नेत्र दानी,सामाजिक कार्यकर्ता , छात्र नेता ..स्वर्गीय मदन चौधरी की 37वीं पुण्यतिथि पर

3जुलाई को श्रद्धांजलि के साथविभिन्न आयोजनll। इन्दौर lश्रमिक क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र नेता स्वर्गीय मदन चौधरी की 3 जुलाई को 37 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर समिति एवं परिजनों के माध्यम से श्रद्धांजलि के साथ विभिन्न सेवा कार्य किए जाएंगे l उक्त जानकारी देते हुए समिति के संयोजक गणेश चौधरी ने बताया है, प्रातः उनके निज निवास बी ,183 एमआईजी पर श्रद्धांजलि देने के साथ गौशाला में गौ माता को चारा और पानी तथा मुक पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था धार्मिक स्थान एवं पक्षियों के एकत्रित होने वाले महात्मा गांधी सर्किल पर पूर्ण की जावेगी l अपने आगे कहा है इसके अलावा आस्था आश्रम परदेसी पुरा में परंपरागत बुजुर्गों कीसेवाऔरभोजन,फल,बिस्कुट, अर्पण करने के बाद मानवता की सेवा से जुड़ा जारी कार्य के अंतर्गत धर्मेंद्र चौधरी पूर्व डीआईजी हाई कोर्ट एडवोकेट सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश चौधरी तथाएडवोकेटअजय,विजयचौधरी अन्य परिजनों की उपस्थिति और एवं महाकाल सेवा फाउंडेशन के नरेंद्र वर्मा एवं प्रियांशु पांडे व अन्य सदस्य पदाधिकारी की संयुक्त उपस्थिति में लावारिस लाश का अंतिम संस्कार कार्य को पूर्ण किया जावेगा और गरीब वर्ग के निशक्त और कमजोर नागरिकों और मातृशक्ति को वस्त्र भेंट किए जाएंगे l विशेष उल्लेखनीय है कि ,गोमा की फैल गरीब बस्ती में श्रमवीर कर्मयोगी और हीरालाल उस्ताद अखाड़े के खलीफा के रूप में अपनी पहचान प्रतिष्ठा रखने वाले स्वर्गीय बाबूलाल चौधरी खलीफा जी के आप तृतीय पुत्र थे आप शिक्षा खेल तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित भाव से एक ऊर्जावान युवा के रूप में अपना सहयोग सभी के लिए समान रूप से बनाए रखते थे प्राथमिक माध्यमिक शिक्षा के बाद आप उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नूतन स्कूल में 1975 76 एवं 1974 77 एवं 19778 मेंएक होनहार छात्र के रूप में छात्र के रूप में आगे बढ़ते रहे एवं 3 वर्ष तक कक्षा प्रतिनिधि एवंकक्षा छात्र परिषद के उत्सव सचिव के रूप में आप अपने नेतृत्व से विद्यालय एवं विद्यार्थियों की प्रतिष्ठा की प्रतिष्ठा में वृद्धि करते रहेl तत्पश्चात गुजराती महाविद्यालय से आपने अपनी ग्रेजुएशन कॉमर्स में उत्तीर्ण की l विधि का विधान कहिए जो आया है वह जाएगा लेकिन जो बीच में सबके प्रिय रहते हैं कम उम्र में चले जाते हैं वे सदा याद आते हैं उन्हें भूलाया नहीं जा सकता ऐसे ही सबके चाहते मदन चौधरी अपने एक मित्र की शादी में इंदौर से ग्वालियर जाते हुए देवास से आगे कार ट्रक दुर्घटना में घायल होने के बाद 3 जुलाई 1987 को महाराजा यशवंत राव हॉस्पिटल में अंतिम सांस लेते हुए हमसे विदा हो गए और जाते-जाते सामाजिक चेतना के जनक के रूप में अपने नेत्रदान के संकल्प को पूरा करने का परिवार को जिम्मेदारी देकर सदा के लिए हमसे जुदा हो गए ऐसे मदन चौधरी को जो परिवार के साथ-साथ मित्रों के सच्चे साथी और गरीबों के हमदर्द के रूप में अपनी अमित छाप छोड़ गए हैं उनकी पुण्यतिथि पर हम सब उनको नमन करते हैं और सेवा के संकल्प को आगे बढ़ने का वचन देते हैं l

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