मंगल के राशि परिवर्तन से सिंह-मीन वालों को क्या मिलेगा, पढ़ें ज्योतिर्विद के उपाय भी

ग्रहों के सेनापति मंगल शुक्रवार से राशि बदल रहे हैं। आज मंगल वृषभ राशि से निकल मिथुन राशि में जा रहे हैं। मंगल के मिथुन राशि में जानें से कई राशियों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा। आइए जानें सिंह से लेकर मीन राशि वालों के लिए मंगल क्या परिवर्तन लाएगा। इसके साथ ही आप ज्योतिषी द्वारा बताए गए उपाय भी अपना सकते हैं। आइए पढ़ें सिंह से मीन राशि तक का हाल

सिंह:- भाग्येश एवं सुखेश होकर लाभ भाव में।
लाभ में वृद्धि एवं धन संबंधित कार्यों में सफलता ।पारिवारिक कार्यों को लेकर सकारात्मक प्रगति से मन प्रसन्न रहेगा। वाणी पर नियंत्रण एवं विवाद से बचना आवश्यक है। शिक्षा संबंधित कार्यों में प्रगति अध्ययन अध्यापन में रुचि बढ़ेगा। पिता एवं पुत्र का सहयोग भी सकारात्मक प्राप्त होगा । शत्रुओं पर विजय की स्थिति के साथ-साथ प्रतियोगिता में विजय का संयोग बनेगा ।आर्थिक गतिविधियों को लेकर सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।
उपाय :- कुंडली के अनुसार मूंगा रत्न धारण करने से लाभ की प्राप्ति होगी।

कन्या :- अष्टमेश एवं पराक्रमेश होकर राज्य भाव में।
स्वास्थ्य में तनाव एवं मन में अस्थिरता के कारण परिश्रम में अवरोध उत्पन्न हो सकता है। अधिक प्रयास करने के बावजूद भी सार्थक परिश्रम में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। कार्यो को लेकर दुविधा की स्थिति से मन अशांत रह सकता है। क्रोध में अचानक वृद्धि के कारण परिवार में तनाव का वातावरण उत्पन्न हो सकता है। माता के स्वास्थ्य को लेकर भी सतर्क रहें ।कार्यस्थल पर भी लक्ष्य पूर्ति को लेकर नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकता है। संतान पक्ष को लेकर थोड़े से तनाव के बाद सकारात्मक परिणाम प्राप्त होगा। भाई बंधुओं मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।
उपाय :- हनुमान जी महाराज की पूजा उपासना करें एवं लाल मसूर की दाल गाय को खिलाते रहे मंगलवार के दिन।

तुला  :- सप्तमेश एवं धनेश होकर भाग्य भाव में, पराक्रम एवं सम्मान में वृद्धि होगा। भाई बंधुओं मित्रों का सहयोग सानिध्य प्राप्त होगा । कार्यों में भाग्य का साथ सकारात्मक रूप से प्राप्त होगा । खर्च में अचानक वृद्धि की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दूरस्थ यात्रा का भी संयोग बन सकता है । प्रेम संबंधों एवं दांपत्य जीवन को लेकर सकारात्मक प्रगति होने से मन प्रसन्न रहेगा । परंतु जीवन साथी के स्वास्थ्य पर खर्च की भी स्थिति अचानक उत्पन्न हो सकता है । क्रोध पर नियंत्रण रखने से सुख में स्थिरता बनी रहेगी। माता का सहयोग सानिध्य प्राप्त होगा परंतु माता का स्वास्थ्य तनाव उत्पन्न कर सकता है।
उपाय :- मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर दर्शन अवश्य करते रहे।

वृश्चिक :- लग्नेश एवं रोगेश होकर अष्टम भाव में, मन में नकारात्मकता का भाव उत्पन्न हो सकता है वाणी में तीव्रता के साथ झल्लाहट भी होगा। पेट की समस्या के कारण कार्यों में अवरोध उत्पन्न हो सकता है आय के साधनों में सकारात्मक प्रगति , व्यापारिक गतिविधियों में सकारात्मक प्रगति के साथ-साथ परिवार में कुछ नया कार्य या प्रकृति प्रगति हो सकता है। पराक्रम में वृद्धि भाई बंधुओं का सहयोग , सानिध्य एवं सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों में अच्छी प्रगति इस अवधि में हो सकता है
उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार मूंगा रत्न धारण कर सकते हैं।

धनु  :- पंचमेश एवं व्ययेश होकर दाम्पत्य भाव में।
बौद्धिकता के बल पर आर्थिक गतिविधियों में सकारात्मक प्रगति प्राप्त कर सकते हैं। साझेदारी के कार्यों से लाभ की स्थिति बनेगा। क्रोध में अचानक वृद्धि हो सकता है। दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों को लेकर तनाव उत्पन्न हो सकता है। परिवारिक जनों को लेकर थोड़ा सा विवाद या तनाव के बाद प्रगति की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। संतान पक्ष से सकारात्मक वृद्धि के कारण मन प्रसन्न रहेगा । जीवन साथी के स्वास्थ्य पर अचानक खर्च बढ़ सकता है । दैनिक आय एवं दैनिक आय के साधनों में अवरोध उत्पन्न हो सकता है।
उपाय :- श्री हनुमान जी महाराज के मंदिर जाकर दर्शन करें एवं लाल मसूर की दाल गाय को खिलाते रहे मंगलवार के दिन।

मकर :-  सुखेश एवं लाभेश  होकर रोग भाव में।
प्रतियोगिता में विजय के साथ रोग एवं शत्रु समाप्त होंगे । यात्रा खर्च में वृद्धि होगा । कार्यों में व्यवधान के कारण मन अप्रसन्न रहेगा । भाग्य में भी थोड़ा सा अवरोध दिखाई देगा। सुख के संसाधनों को लेकर भी मन अप्रसन्न हो सकता है। आय में कमी या रुकावट इस अवधि में हो सकता है । क्रोध पर नियंत्रण अवश्य रखें। क्योंकि इस अवधि में क्रोध के कारण कुछ गलत निर्णय लिए जा सकते हैं। पेट की समस्या भी इस अवधि में बढ़ सकता है।माता के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें।
उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार मंगल को मजबूत करने का उपाय करें एवं मंगलवार के दिन श्री हनुमान जी महाराज की पूजा आराधना विशेष तौर पर करें।

कुम्भ :-  पराक्रमेश एवं राज्येश होकर पंचम भाव में।
पराक्रम, सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि। भाई, बंधुओं, मित्रों का सहयोग सानिध्य प्राप्त होगा। बुद्धिमत्ता के बल पर आर्थिक लाभ की स्थिति उत्पन्न होगा। पेट की समस्या एवं रक्त संबंधित समस्या के कारण मन अप्रसन्न रहेगा ।अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए भी समय सकारात्मक होगा । यात्रा की भी संयोग इस अवधि में बन सकता है। परिश्रम में वृद्धि ,कार्यस्थल पर अपनी योग्यता दिखाने का अवसर प्राप्त होगा । इस अवधि में संतान पक्ष से भी सकारात्मक प्रगति उत्पन्न हो सकता है
उपाय :- भाई ,बंधु ,मित्रों का सहयोग करें एवं हनुमान जी महाराज की पूजा आराधना करते रहे।

मीन :- धनेश एवं भाग्येश होकर सुख भाव में।
सुख के संसाधनों में प्रगति । गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि हो सकता है। कंस्ट्रक्शन अथवा ट्रांसपोर्ट के कार्य से जुड़े लोगों के लिए भी यह समय अनुकूल प्रद बना रहेगा ।क्रोध में अधिकता के कारण कार्य में अवरोध हो सकता है। सामाजिक पद प्रतिष्ठा एवं कार्यों में वृद्धि । आय एवं लाभ में वृद्धि होगा । क्रोध के कारण प्रेम संबंधों एवं दांपत्य जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है। साझेदारी के कार्यों में सतर्क होकर ही कोई कार्य करें।
उपाय :- कुंडली के अनुसार मूंगा रत्न धारण करना लाभदायक होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button