दिवाली पर न जलाएं पुराने दीये, न ही पहनें काले रंग के कपड़े
भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास से लौटने के उपलक्ष्य में अयोध्या वासियों ने पूरी नगरी में दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। इस दिन को पूरे देश में दीपावली के त्योहार के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। पांच दिनों तक मनाए जाने वाले दीपोत्सव पर कहा जाता है कि दीपावली के दिन मां लक्ष्मी हर एक घर में प्रवेश करती हैं। इसलिए इस त्योहार पर वास्तु के अनुसार कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में।
दीपावली के त्योहार को लेकर मान्यता है कि जिन घरों में साफ-सफाई रहती है वहां मां लक्ष्मी वास करने लगती हैं। दिवाली पर अपने घर और प्रतिष्ठान को खूब सजाएं। बेकार या बंद घड़ियों को हटा दें। घर में रखे पुराने और टूटे फूटे बर्तनों, खिलौनों, सजावटी चीजों, कपड़े, चप्पलों और फटी चादरों को हटा दें। दिवाली पर कभी भी पिछले साल के बचे हुए दीये को नहीं जलाना चाहिए। दिवाली पर हर बार नए दीये खरीदकर ही जलाना चाहिए। सुख-समृद्धि का प्रतीक माने जाने वाले इस त्योहार पर घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और दहलीज पर हल्दी और अक्षत का लेप करें। रोली से दोनों ओर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं। ऐसा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। दिवाली पर घर के पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा में मनी प्लांट का पौधा लगाएं। घर के स्वागत कक्ष में हंसते हुए बुद्ध की मूर्ति रखें। ऐसा करने से धन का आगमन होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। घर के ब्रह्म स्थान को साफ-सुथरा और खाली रखें। उस जगह कोई भी भारी वस्तु न रखें। दिवाली के दिन उत्तर दिशा में मां लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापना करें। पूजा करते समय भगवान कुबेर का ध्यान अवश्य करें। इस त्योहार पर काले रंग का इस्तेमाल न करें। न ही काले रंग के कपड़े पहनें। दिवाली पर सुबह नमक मिले पानी का छिड़काव घर में करें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।